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परभणी जिले में बकाया ऋण राशि 759 करोड़, महाराष्ट्र में मुद्रा योजना के तहत दिए गए कर्ज का एनपीए जून तक 16.32 प्रतिशत पर पहुंचा

परभणी जिले में गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सबसे अधिक

औरंगाबाद (महाराष्ट्र), सात सितंबर – छोटे कारोबारियों की मदद के लिए चलाई गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिए गए कर्ज में से महाराष्ट्र में जून, 2022 तक करीब 5,000 करोड़ रुपये या बैंक की कुल परिसंपत्ति का 16.32 प्रतिशत बकाया है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

औरंगाबाद में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक के दौरान जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र के परभणी जिले में गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) सबसे अधिक 60.54 प्रतिशत है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना अप्रैल 2015 में गैर-कॉरपोरेट और गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना की शुरुआत के बाद से ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन समेत कई विशेषज्ञों ने उच्च एनपीए की आशंका जताई थी और आगाह किया था।

आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में 52 लाख से अधिक कर्जदारों ने मुद्रा योजना के तहत जून 2022 तक 30,019 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इसमें से 6.19 लाख कर्जदारों द्वारा लिए गए 4,898 करोड़ रुपये के कर्ज को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

परभणी जिले में बकाया ऋण राशि 759 करोड़ रुपये है, जिसमें से 459 करोड़ रुपये एनपीए है। आंकड़ों के अनुसार, परभणी के बाद हिंगोली में एनपीए 33.31 प्रतिशत है, जिसमें 111 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। मुद्रा योजना के तहत दिए गए ऋण में, मुंबई में एनपीए 29.97 प्रतिशत है और बकाया राशि 248 करोड़ रुपये है।

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